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1/16/2022
1/15/2022
100 days Reading Campaign
100 days Reading Campaign List of Activiti100 days Reading CampaigList of Activities
Weeks Class I & II Class III to V Class VI to VIII
1 Family Stories Circle Time Library Visit
2 Fruits & Flowers Dress & Tell Read & Write
3 Poetry in motion Bend the End Reading Poetry
4 Shared Reading Set the Scene Read with Friends
5 Retell the tale Folklore Fun Character Check
6 Title Tree Literacy Calendar Analyzing Lyrics/Recipes
7 Who am I? Speak up Book Recommendations
8 Words are my claim to fame Prop up Read & Enact
9 Monthly Theme Reading Poetry Reading for EBSB
10. Let's cook up something meri Kahani meri jubani on the quest of local Flora
11 Magic Spell Judge a book by its cover Twist (Reading Poetry)
12 Drop everything & read (DEAR) DEAR DEAR
13 Inspirations from our leaders Reading story in own lang. Hunting the papers
14 Read & Enact If I were Inspiration by our leaders
1/13/2022
Yuva Divas (Birthday Celebration of Swami Vivekanand 2022)
Yuva Divas
स्वामी विवेकानन्द
पूरा नाम (Name) | नरेंद्रनाथ विश्वनाथ दत्त |
जन्म (Birthday) | 12 जनवरी 1863 |
जन्मस्थान (Birthplace) | कलकत्ता (पं. बंगाल) |
पिता (Father Name) | विश्वनाथ दत्त |
माता (Mother Name) | भुवनेश्वरी देवी |
घरेलू नाम | नरेन्द्र और नरेन |
मठवासी बनने के बाद नाम | स्वामी विवेकानंद |
भाई-बहन | 9 |
गुरु का नाम | रामकृष्ण परमहंस |
शिक्षा (Education) | 1884 मे बी. ए. परीक्षा उत्तीर्ण |
विवाह (Wife Name) | विवाह नहीं किया |
संस्थापक | रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन |
फिलोसिफी | आधुनिक वेदांत, राज योग |
साहत्यिक कार्य |
|
अन्य महत्वपूर्ण काम |
|
कथन | “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाये” |
मृत्यु तिथि (Death) | 4 जुलाई, 1902 |
मृत्यु स्थान | बेलूर, पश्चिम बंगाल, भारत |
राष्ट्रीय युवा दिवस का महत्व
भारत में युवा दिवस मनाने की शुरुआत साल 1985 से शुरू हुई थी. वहीं इस दिन को युवा दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान साल 1984 में की गया था. युवा दिवस मनाने के लिए सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस को चुना गया था और तब से अब तक हर साल इस दिन युवा दिवस पूरे देश में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद अपने विचारों और अपने आदर्शों के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. उन्होंने काफी कम उम्र के अंदर ही दुनिया में अपने विचारों के चलते अपनी एक अलग ही पहचान बनाई थी. उनके विचारों से युवाओं को सही दिशा मिल सके, इस मकसद से ही उनके जन्म दिवस को इस दिन के लिए चुना गया था.
राष्ट्रीय युवा दिवस कब मनाया जाता है? (National Youth Day Date )
हर साल भारत में 12 जनवरी के दिन को युवाओं के लिए समर्पित किया गया है और इस दिन ही स्वामी विवेकानंद का जन्म भी हुआ था. इस साल में भी इस दिन को पूरे भारत में युवा दिवस के साथ-साथ विवेकानंद जी की 157 वीं जन्म जयंती के रूप में मनाया जायेगा.
अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस
भारत की तरह पूरी दुनिया में भी युवा दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युवा दिवस को अगस्त के महीने में मनाया जाता है. 12 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र द्वारा युवा दिवस मनाने के तौर पर चुना गया था और इस दिन विश्व में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सबसे पहले साल 2000 में इस दिवस का आयोजन होना शुरू हुआ था, लेकिन साल 1985 में इस दिवस की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी.
कौन थे स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद का नाम उनके माता-पिता द्वारा नरेंद्रनाथ दत्त रखा गया था. सन् 1863कोलकाता शहर के एक धनी परिवार में जन्मे विवेकानंद के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण था. अपने गुरू से ही विवेकानंद ने आध्यात्मिक शिक्षा हासिल की थी और दुनियाभर में हिन्दुत्व के और अपने गुरू के विचारों को फैलाया था. साल 1893 में उनके द्वारा अमेरिका में आयोजित हुए विश्व संसद में दिए गए भाषण को आज भी लोगों ने याद रखा हुआ है. अपने भाषण में उन्होंने भारत, हिंदू धर्म और उनके गुरु श्री रामकृष्ण के विचारों को दुनिया के सामने रखा था. विवेकानंद जी ने अपने जीवनकाल में दुनिया के कई देशों का दौरा किया था और दुनिया भर में योग और वेदान्त को प्रचलित किया था.
इतना ही नहीं उन्होंने पश्चिम संस्कृति और भारतीय संस्कृति के बीच जो दूरी थी उसको भी कम करने में काफी योगदान दिया है. विवेकानंद जी ने अपने जीवन को समाज कार्य के लिए समर्पित कर दिया था और वो एक साधु का जीवन जीते थे. साल 1902 को उन्होंने अपनी अतिंम सांस ली थी. कहा जाता है कि उनके द्वारा समाधि ली गई थी. वहीं उनके द्वारा स्थापित किए गए रामकृष्ण मिशन को आज दुनिया भर में जाना जाता है और इस भारतीय सामाजिक-धार्मिक संगठन के जरिए कर्म योग के सिद्धांतों, धार्मिक अध्ययन और आध्यात्मिकता जैसी चीजों का ज्ञान लोगों के बांट जाता है. इस संगठन की स्थापान सन् 1897 में भारत के कोलकाता शहर में उनके द्वारा की गई थी.
स्वामी विवेकानंद के विचार
- स्वामी विवेकानंद का मानना था कि आप प्रभु पर तभी यकीन कर सकते हैं जब आप स्वयं पर यकीन करेंगे. यानी जिस दिन आपको खुद पर विश्वास हो जाएगा तब आप खुद ही भगवान पर भी विश्वास करना शुरू कर देंगे.
- विवेकानंद जी के अनुसार व्यक्ति को तब तक मेहनत करती रहनी चाहिए जब तक जो अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच जाता. अगर कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी लगन और मेहनत करेगा, तो वो जरूरी कामयाब होगा.
- उनके अनुसार, व्यक्ति को केवल उसकी आत्मा ही सिखा सकती है. आपकी आत्मा आपकी सबसे अच्छी गुरू है. आत्मा ही आपको आध्यात्मिक बना सकती है. इसलिए अपनी आत्मा की सुने.
- विवेकानंद जी के मुताबिक अगर भगवान को आप अपने अंदर और दुनिया की जीवित चीजों में नहीं देख पाते, तो आप भगवान को कहीं भी नहीं देख सकते हैं.
- विवेकांनद जी के विचार थे की मनुष्य का संघर्ष जितना कठिन होगा, उसकी जीत भी उतनी बड़ी होगी. यानी किसी भी चीज को पाने के लिए हर किसी को संघर्ष करना पड़ता है और जितना बड़ा आपका लक्ष्य होगा उतना बड़ा आपका संघर्ष .
युवा दिवस पर रखे गए विषयों की जानकारी (National Youth Day Themes)-
- साल 2011 का विषय – भारत में साल 2011 में पहली बार युवा दिवस के लिए विषय रखा गया था. 2011 में भारत सरकार द्वारा जो विषय चुना गया था, वो था ‘सबसे पहले भारत’.
- साल 2012 का विषय – वहीं साल 2012 में इस दिवस के लिए ‘सेलिब्रेट डावर्टिसी इन यूनिटी’ (Celebrating Diversity In Unity) विषय को चुना गया था. इस विषय के जारी देश के युवाओं को एकता का महत्व बताने का प्रयास किया गया था.
- साल 2013 का विषय- साल 2013 में इस दिवस के लिए ‘अवेकिंग द यूथ पावर’ (‘Awakening The Youth Power’.) विषय को चुना गया था और इस विषय के जरिए देश की युवा शक्ति को प्रोत्साहित करने की कोशिश सरकार द्वारा की गई थी.
- साल 2014 का विषय- युवाओं के बीच बढ़ रहे नशीले पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए साल 2014 में ‘यूथ फॉर ड्रग्स फ्री वर्ल्ड’ (‘Youth For Drugs Free World’) का विषय युवा दिवस के लिए चुना गया था. इस विषय की मदद से युवाओं को नशीले पदार्शों के नुकसान बताने की कोशिश की गई थी.
- साल 2015 का विषय- इस साल का विषय ‘यंग मंच एंड यूथ फॉर क्लीन, ग्रीन एंड प्रोग्रसिव इंडिया’(‘Youngmanch’ and ‘Youth for Clean, Green and Progressive India’) रखा गया था. इस विषय के माध्यम से युवाओं को साफ –सफाई और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की कोशिश की गई थी.
- साल 2016 का विषय- ‘इंडिया यूथ फॉर डेवलपमेंट, स्किल और हार्मोनी’ (‘Indian Youth for Development, Skill and Harmony’) विषय को साल 2016 के लिए चुना गया था और युवाओं को विकास, कौशल और सद्भाव के महत्व के बारे में बताया गया था.
- साल 2017 का विषय- भारत को डिजिटल इंडिया बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं चलाई जा रही है और अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार ने युवा दिवस के लिए भी ‘यूथ ऑफ डिजिटल इंडिया’(‘Youth for Digital India’) के विषय का चयन किया था.
- साल 2018 का विषय- इस साल का विषय संकल्प मे सिद्धि (Sankalp mai Siddhi) रखा गया था. इसके माध्यम से सरकार के द्वारा चली गई योजना संकल्प से सिद्धि को बढ़ावा दिया गया था.
- साल 2019 का विषय- हर साल की तरह इस साल भी पूरे भारत में इस दिन को मनाया जाएगा.
युवाओं को प्रेरित करने वाले विचार ( National Youth Day Quotes)
हर युवा के पास ताकत होती है कि वो अपने आनेवाले कल को अच्छा बना सके. युवाओं द्वारा जो मेहनत या पढ़ाई की जाती है, वो उसके भविष्य में जाकर उसे फल देती है. वहीं नीचे कुछ ऐसे विचारों के बारे में बताया गया है, जिनको पढ़कर आपको प्रोत्साहन मिलेगा और आप भी अपने लिए एक बेहतर भविष्य बना सकेंगे.
- अगर कोई कार्य करते हुए आप से कुछ गलत हो जाता है, तो इसका मतलब ये नहीं की आप हार गए हैं. बल्कि इन गलतियों का मतलब है की आप कुछ पाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
- अगर आप सकारात्मक सोच रखेंगे तो आपके साथ सब कुछ अच्छा ही होगा. सकारात्मक सोच के जरिए आप अपने जीवन में आसानी से कुछ भी हासिल कर सकते हैं.
- आप किसी भी लक्ष्य को पाने में तभी नाकाम होते हैं, जब आपके अंदर उसे पाने का जज्बा खत्म हो जाता है. इसलिए आप कभी भी अपने अंदर के जज्बे को खत्म ना होने दें.
- लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं इस चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि आप अपने बारे में क्या राय रखते हैं. क्योंकि आपको आप से बेहतर कोई ओर नहीं समझ सकता.
- कोई भी मुनष्य अपने आपको सही राह पर चला सकता है. इसलिए जब भी आपको लगे की आप गलत राह पर चल रहे हैं, तो अपनी दिशा या राह खुद बदल लें.
विवेकांनद जी के विचार और कार्य युवा के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत की तरह काम करते हैं. उनके विचारों को पढ़ने से युवाओं के अंदर कुछ हासिल करने की उम्मीद पैदा होती है. क्योकि आज के समय में बहुत से युवा नशाखोरी के आदि होते जा रहे है, इसलिए उनके विचारों को हर स्कूल की दीवारों पर लिखा जाता है, ताकि उनको पढ़कर बच्चे अपने जीवन का लक्ष्य तय कर सकें. इतना ही नहीं हर स्कूल और कॉलेजों में उनकी तस्वीरें भी लगाई जाती है ताकि नई पीढ़ी को पता चल सके कि आखिरी कौन थे ये महान व्यक्ति, जिन्होंने दुनिया में भारत की एक अलग पहचान कायम की थी.
1/09/2022
Pravasi Bhartiya Divas (PBD) 2022
Pravasi Bhartiya Divas (PBD) 2022: It is observed on 9 January to mark the contribution of the Overseas Indian community in the development of India. On this day in 1915, Mahatma Gandhi, the greatest Pravasi, returned to India from South Africa. He played an important role in the freedom struggle of India and also changed the lives of Indians forever.
Pravasi Bhartiya Divas convention provides an ideal platform for the government to interact with the diaspora community who reside in several parts of the world.
Since 2003, PBD conventions are being held every year. Its format has been revised since 2015 to celebrate the PBD once every two years and to hold theme-based PBD Conferences during the intervening period with participation from overseas diaspora experts, policymakers, and stakeholders. PBD is celebrated to mark the contribution of the Overseas Indian community to the development of India.
Let us tell you that PBD Convention is the flagship event of the Ministry of External Affairs and provides an important platform to engage and connect with overseas Indians. Pravasi Bharatiya Samman Awardees 2020-2021 names were announced. The Awards were conferred to select Indian diaspora members to recognise their achievements and honour their contributions to various fields, both in India and abroad.On 9th January, 2021, the 16th Pravasi Bharatiya Divas Convention was organised despite the ongoing COVID-19 pandemic.
About PBD Convention 2021
In a virtual format, the convention was held and the theme of the 16th PBD Convention 2021 was "Contributing to Aatmanirbhar Bharat". The Convention of PBD had three segments and was inaugurated by the Prime Minister of India Narendra Modi. It was also addressed by the Chief Guest, Chandrikapersad Santokhi, President of the Republic of Suriname. Winners of the online Bharat ko Janiye Quiz for the youth was also announced.
The inaugural session was followed by the two Plenary sessions. The first was on the Role of Diaspora Aatmanirbhar Bharat and was featured by the External Affairs Minister and Commerce and Industry Minister. And the second was on Facing Post Covid Challenges - Scenario in Health, Economy, Social and International Relations that was addressed by Minister of Health and Minister of State for External Affairs.
The Valedictory Session was the finale where the President delivered his Valedictory address to mark the occasion of Pravasi Bharatiya Divas.
Here to inform you that the Youth PBD was also observed virtually on the theme "Bringing together Young Achievers from India and Indian Diaspora” on 8 January 2021 and was anchored by the Ministry of Youth Affairs and Sports. The Special Guest for the event was Priyanka Radhakrishnan, Minister for Community & Voluntary Sector of New Zealand.
In January 2019, it was celebrated at Varanasi, Uttar Pradesh to acknowledge the Indian Diaspora of Indian origin to share their experience, knowledge which can help in the development of the country.
Why is 9 January decided to celebrate NRI Day?
On 9 January,1915, Mahatma Gandhi came to India from South Africa and became the greatest Pravasi who led India's Freedom Struggle and made India free from British or colonial rule. He not only changed the lives of Indian's but also created an example that if a person's dreams and desires are clear, he or she can achieve anything. As a Non-Resident Indian or Pravasi, he is presented as a symbol of a change and development that could bring into India.
According to the Indian Government NRI has global exposure in terms of business and development strategies around the world. If some opportunity is provided to them they will contribute to the developmental process by infusing their ideas and experiences on their motherland i.e. India.
Do you know that the first Pravasi Bharatiya Divas or Non-Resident Indian Day was celebrated on 9 January 2003? Its format has been revised since 2015 to celebrate the PBD once every two years and to hold theme-based PBD Conferences. Since then it is celebrated every second year. In 2019, Pravasi Bhartiya Divas was held on 21-23 January in Varanasi, Uttar Pradesh.
1/08/2022
Apps for Students
Apps for students
Apps for students
1/07/2022
आओ विचार करें
आओ विचार करें
आओ विचार करें
धन्यवाद
1/06/2022
100 Days Reading Campaign Jan to April 2022 (Please Read it Very Carefully)
100 Days Reading Campaign Jan to April 2022
100 Days Reading Campaign
TARGET GROUP:
Children studying in Balvatika to Grade VIII will be part of this campaign.
They will further be Categorised into three groups class-wise:
GROUP I: BALVATIKA TO GRADE II
GROUP II: GRADE III TO GRADE V
GROUP III: GRADE VI TO GRADE VIII.
DURATION OF THE CAMPAIGN: The reading campaign will be organised for 100 days (14 weeks) starting from January 2022 to April 2022.
AT THE NATIONAL LEVEL FOLLOWING ACTIVITIES WILL BE UNDERTAKEN TO KEEP THE MOMENTUM OF THE CAMPAIGN:
Organise ‘READATHON’ on the lines of Toycathon Awareness Drive:
Press releases, Social media campaigns, infographics, etc.
Storytelling by Hon’ble Education Minister, State Ministers, Chief Ministers, State Education Ministers, etc. in regional languages
Webinars on the importance of reading Video/Audio messages from Children book writers (Ruskin Bond, Shudha Murthy, Nilesh Misra for storytelling)
Reading Aloud of stories by teachers as well as community members in regional languages Partnership with CSOs, FM channels, Newspapers (local and regional)
Storytelling sessions to be organised by involving Parents and Grand Parents.
Celebration of 21st February as International Mother Tongue Day Kahani Padho Apni Bhasa Main (Reading story in own language) to be conducted across the country during this period.
RESOURCES:
Various resources will be made available at the FLN vertical of
DIKSHA portal, ‘KAHANIYON KA PITARA’ etc.
States and UTs may also explore other resources such as
National Council of Educational Research and Training (NCERT),
National Book Trust (NBT)
Story weaver (https://storyweaver.org.in),
Pratham Books (https://prathambooks.org),
Room to Read Cloud (https://literacycloud.org),
etc.
FOR FULL DETAILS AND CLASS-WISE ACTIVITIES CLIK HERE
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