9/12/2021

KV/ CBSE Question Bank for Class X and XII E-Content, Resource Material and Academic plan

 

KV/ CBSE Question Bank for Class X and XII E-Content

CBSE Question Bank For 12th & 10th: CBSE Board Exam 2021-2022 CBSE Question Bank 2021-2022 for 12th & 10th: Students preparing for CBSE board exams can check the subject-wise CBSE Question Bank.


CBSE Question Bank 2021-2022 for 12th & 10th. 


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Question Bank for Class X - All Subjects 2021-22

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Question Bank for Class XII - English 2021-22

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Question Bank for Class XII - Hindi 2021-22

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Question Bank for Class XII - Physics Term-I 2021-22

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Question Bank for Class XII - Physics Term-II 2021-22

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Question Bank for Class XII - Chemistry 2021-22

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Question Bank for Class XII - Mathematics 2021-22

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Question Bank for Class XII - Informatics Practices 2021-22

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Question Bank for Class XII - Computer Science 2021-22

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Question Bank for Class XII - Biology 2021-22

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Question Bank for Class XII - Accountancy 2021-22

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Question Bank for Class XII - Business Studies 2021-22

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Question Bank for Class XII - Economics 2021-22

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Question Bank for Class XII - Geography 2021-22

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Question Bank for Class XII History 2021-22

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Annual Online/Offline Library Classroom Integrated Activity Plan for Students for the Session 2021-22

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ACADEMIC PLAN FOR MIDDLE STAGE (CLASS VI-VII) for the Session 2021-22

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Academic Plan For Art Education for Session 2021-22

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Academic Plan for Physical Education for session 2021-22

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Academic Plan for Work Education session 2021-22

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ACADEMIC PLAN FOR SENIOR SECONDARY STAGE (CLASS XI & XII) for Session 2021-22

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ACADEMIC PLAN FOR SECONDARY CLASS (CLA SS IX & X) for Session 2021-22

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ACADEMIC PLAN FOR FOUNDATIONAL YEARS & PREPARATORY STAGE (CLASS I - V) for Session 2021-22

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Study Material for Class X - All Subjects 2020-21

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Study Material for Class XII Informatics Practices 2020-21

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Study Material for Class XII Computer Science 2020-21

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Study Material for Class XII English 2020-21

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Study Material for Class XII Hindi 2020-21

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Study Material for Class XII Geography 2020-21

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Study Material for Class XII History 2020-21

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Study Material for Class XII Economics 2020-21

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Study Material for Class XII Accountancy 2020-21

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Resource Material for Classes -VI, VII, and VIII Subject English, Hindi, Mathematics, Science, and Social Science

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9/07/2021

Digital Library of Dr. Sarvapalli Radhakrishnan

 

Shikshak Parv 2021

 

Shikshak Parv 2021


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 07 सितंबर को शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए मनाए जा रहे 'शिक्षक पर्व' के दौरान शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों, छात्रों और अन्य हितधारकों को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी इस अवसर पर पांच पहलों का भी शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 07 सितंबर को शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए मनाए जा रहे 'शिक्षक पर्व' (Shikshak Parv 2021) के दौरान शिक्षा क्षेत्र में शिक्षकों, छात्रों और अन्य हितधारकों को संबोधित करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर पांच पहलों का भी शुभारंभ करेंगे। इनमें इंडियन साइन लैंग्वेज यानी भारतीय सांकेतिक भाषा का 10,000 शब्दों का शब्दकोश, दृष्टिबाधितों के लिए बोलने वाली किताबें (ऑडियो बुक्स), सीबीएसई का स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन और मान्यता ढांचा (SQAAF), निपुण भारत के लिए निष्ठा (NISTHA) शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अलावा और विद्यालय विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों, दाताओं और सीएसआर योगदानकर्ताओं की सुविधा के लिए विद्यांजलि पोर्टल आदि शामिल हैं। 

गौरतलब है कि इस वर्ष केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (MoE) शिक्षकों के बहुमूल्य योगदान को मान्यता देने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को एक कदम और आगे ले जाने के लिए देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती यानी शिक्षक दिवस 05 सितंबर से 17 सितंबर तक शिक्षक पर्व 2021 के तौर पर मना रहा है। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 05 सितंबर को कोविड-19 स्थिति के कारण एक वेबिनार के माध्यम से शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। यह पुरस्कार प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत मेधावी शिक्षकों को सार्वजनिक मान्यता और उनको सम्मान प्रदान करने के लिए है। 

उन्होंने बताया कि पहली बार 1958 में युवाओं के दिमाग के साथ-साथ भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को पहचानने के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार की शुरुआत की गई थी। वर्ष 2021 के लिए, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन स्व-नामांकन प्रक्रिया का पालन किया गया था। 44 पुरस्कार विजेताओं में से प्रत्येक पर एक वृत्तचित्र फिल्म भी दिखाई जाएगी। उन्होंने कहा, 07 सितंबर को सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों और शिक्षा से जुड़े हितधारकों को संबोधित करेंगे। वह स्कूली शिक्षा विभाग की पांच पहलों की शुरुआत भी करेंगे। कॉन्क्लेव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, सुभाष सरकार और राजकुमार रंजन सिंह भी शामिल होंगे।  


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9/05/2021

Celebration of Teacher's Day


डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जीवन परिचय 

जीवन परिचय बिंदु राधाकृष्णन जीवन परिचय
पूरा नामडॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
धर्महिन्दू
जन्म5 सितम्बर 1888
जन्म स्थानतिरुमनी गाँव, मद्रास
माता-पितासिताम्मा, सर्वपल्ली विरास्वामी
विवाहसिवाकमु (1904)
बच्चे5 बेटी, 1 बेटा

डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में ब्राह्मण परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम सर्वपल्ली विरास्वामी था, वे गरीब जरुर थे किंतु विद्वान ब्राम्हण भी थे. इनके पिता के ऊपर पुरे परिवार की जिम्मदारी थी, इस कारण राधाकृष्णन को बचपन से ही ज्यादा सुख सुविधा नहीं मिली. राधाकृष्णन  ने 16 साल की उम्र में अपनी दूर की चचेरी बहन सिवाकमु से शादी कर ली. जिनसे उन्हें 5 बेटी व 1 बेटा हुआ. इनके बेटे का नाम सर्वपल्ली गोपाल है, जो भारत के महान इतिहासकारक थे. राधाकृष्णन जी की पत्नी की मौत 1956 में हो गई थी. भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ी वीवी एस लक्ष्मण इन्हीं के खानदान से ताल्लुक रखते है.

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की शिक्षा 

डॉ राधाकृष्णन का बचपन तिरुमनी गांव में ही व्यतीत हुआ. वहीं से इन्होंने अपनी शिक्षा की प्रारंभ की. आगे की शिक्षा के लिए इनके पिता जी ने क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल, तिरुपति में दाखिला करा दिया. जहां वे 1896 से 1900 तक रहे. सन 1900 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने वेल्लूर के कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की. तत्पश्चात मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास से अपनी आगे की शिक्षा पूरी की. वह शुरू से ही एक मेंधावी छात्र थे. इन्होंने 1906 में दर्शन शास्त्र में M.A किया था. राधाकृष्णन जी को अपने पुरे जीवन शिक्षा के क्षेत्र में स्कालरशिप मिलती रही.

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के करियर की शुरुवात –

1909 में राधाकृष्णन जी को मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में दर्शनशास्त्र का अध्यापक बना दिया गया| सन 1916 में मद्रास रजिडेसी कालेज में ये दर्शन शास्त्र के सहायक प्राध्यापक बने. 1918 मैसूर यूनिवर्सिटी के द्वारा उन्हें दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में चुना गया| तत्पश्चात वे इंग्लैंड के oxford university में भारतीय दर्शन शास्त्र के शिक्षक बन गए. शिक्षा को डॉ राधाकृष्णन पहला महत्व देते थे. यही कारण रहा कि वो इतने ज्ञानी विद्वान् रहे. शिक्षा के प्रति रुझान ने उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व प्रदान किया था. हमेशा कुछ नया सीखना पढने के लिए उतारू रहते थे. जिस कालेज से इन्होंने M.A किया था वही का इन्हें उपकुलपति बना दिया गया. किन्तु डॉ राधाकृष्णन ने एक वर्ष के अंदर ही इसे छोड़ कर बनारस विश्वविद्यालय में उपकुलपति बन गए. इसी दौरान वे दर्शनशास्त्र पर बहुत सी पुस्तकें भी लिखा करते थे|

डॉ.राधाकृष्णन को मिले सम्मान व अवार्ड 

  • शिक्षा और राजनीति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए डॉ. राधाकृष्णन को सन 1954 में सर्वोच्च अलंकरण “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया.
  • 1962 से राधाकृष्णन जी के सम्मान में उनके जन्म दिवस 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई|
  • सन 1962 में डॉ. राधाकृष्णन को “ब्रिटिश एकेडमी” का सदस्य बनाया गया.
  • पोप जॉन पाल ने इनको “गोल्डन स्पर” भेट किया.
  • इंग्लैंड सरकार द्वारा इनको “आर्डर ऑफ़ मेंरिट” का सम्मान प्राप्त हुआ.

डॉ. राधाकृष्णन ने भारतीय दर्शन शास्त्र एवं धर्म के उपर अनेक किताबे लिखी जैसे “गौतम बुद्धा: जीवन और दर्शन” , “धर्म और समाज”, “भारत और विश्व” आदि. वे अक्सर किताबे अंग्रेज़ी में लिखते थे.

1967 के गणतंत्र दिवस पर डॉ राधाकृष्णन ने देश को सम्बोधित करते हुए यह स्पष्ट किया था, कि वह अब किसी भी सत्र के लिए राष्ट्रपति नहीं बनना चाहेंगे और बतौर राष्ट्रपति ये उनका आखिरी भाषण रहा.

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मृत्यु 

17 अप्रैल 1975 को एक लम्बी बीमारी के बाद डॉ राधाकृष्णन का निधन हो गया. शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान हमेंशा याद किया जाता है. इसलिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाकर डॉ.राधाकृष्णन के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है. इस दिन देश के विख्यात और उत्कृष्ट शिक्षकों को उनके योगदान के लिए पुरुस्कार प्रदान किए जाते हैं. राधाकृष्णन को मरणोपरांत 1975 में अमेंरिकी सरकार द्वारा टेम्पलटन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो कि धर्म के क्षेत्र में उत्थान के लिए प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार को ग्रहण करने वाले यह प्रथम गैर-ईसाई सम्प्रदाय के व्यक्ति थे.

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल वचन 

Sarvepalli radhakrishnan quotes

SR quotes

डॉ राधाकृष्णन  ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक बन कर रहे. शिक्षा के क्षेत्र में और एक आदर्श शिक्षक के रूप में डॉ राधाकृष्णन को हमेंशा याद किया जाएगा.

1- राधाकृष्णन अपने छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय थे। जब वह मैसूर यूनिवर्सिटी छोड़कर कलकत्ता यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए जाने लगे तो उनके छात्रों ने उनके लिए फूलों से सजी एक बग्धी का प्रबंध किया और उसे खुद खींचकर रेलवे स्टेशन तक ले गए।


2- राधाकृष्ण की शादी दूर की एक कजन से हुई थी। उनकी शादी मात्र 16 साल की उम्र ही हो गई थी। उनकी 5 बेटियां और 1 बेटा हुआ।

3- राधाकृष्ण के पिता नहीं चाहते थे कि उनका बेटा इंग्लिश सीखे। बल्कि उनकी ख्वाहिश थी कि वह पंडित या पुजारी बने। लेकिन राधाकृष्ण इतने तेज थे कि उन्हें पहले तिरूपति के स्कूल भेजा गया और फिर वेल्लोर।

4- वह बेहद साधारण और विनम्र स्वभाव के थे। भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपनी सैलरी से मात्र ढाई हजार रुपये लेते थे, जबकि बाकी सैलरी प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष को दान कर देते थे।

5- राधाकृष्णन के बारे में एक किस्सा है जो शायद ही लोग जानते होंगे। वह जब चीन के दौरे पर गए थे तो वहां वह मशहूर क्रांतिकारी, राजनैतिक विचारक और कम्युनिस्ट दल के नेता माओ से मिले। मिलने के बाद उन्होंने माओ के गाल थपथपा दिए। इससे माओ हतप्रभ रह गए। लेकिन राधाकृष्णन ने यह कहकर सभी का दिल जीत लिया कि वह उनसे पहले स्टालिन और पोप के साथ ऐसा कर चुके हैं।

6- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने घोषणा की कि सप्ताह में दो दिन कोई भी व्यक्ति उनसे बिना पूर्व अनुमति के मिल सकता है। इस तरह से उन्होंने राष्ट्रपति को आम लोगों के लिए भी खोल दिया था। यही नहीं, वह अमेरिका के राष्ट्रपति भवन वाइट हाउस में हेलिकॉप्टर से अतिथि के रूप में पहुंचे थे। इससे पहले दुनिया का कोई भी व्यक्ति वाइट हाउस में हेलिकॉप्टर से नहीं पहुंचा था।

7- जब राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो दुनिया के महान दर्शनशास्त्रियों में से एक बर्टेंड रसेल ने काफी प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा, 'डॉ.राधाकृष्णन का भारत का राष्ट्रपति बनना दर्शनशास्त्र के लिए सम्मान की बात है और एक दर्शनशास्त्री होने के नाते मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। प्लेटो ने दार्शनिकों के राजा बनने की इच्छा जताई थी और यह भारत के लिए सम्मान की बात है कि वहां एक दार्शनिक को राष्ट्रपति बनाया गया है।

8- राधाकृष्णन के सेंस ऑफ ह्यूमर का भी जवाब नहीं था। इसकी तारीफ सभी करते थे और उनका ह्यूमर अक्सर चर्चा का विषय बन जाता था। 1962 में ग्रीस के राजा ने जब भारत का राजनयिक दौरा किया तो सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने उनका स्वागत करते हुए कहा था- महाराज, आप ग्रीस के पहले राजा हैं, जो कि भारत में अतिथि की तरह आए हैं। सिकंदर तो यहां बगैर आमंत्रण का मेहमान बनकर आए थे।

9/04/2021

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